स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों के हिंदी अनमोल विचार
स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए एक बहुत ही खास और गर्व की बात है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी संघर्ष के बाद भारत को आजाद कराया था। स्वतंत्रता सेनानियों के वीरता और बलिदान के बल पर हम आज आज़ादी का आनंद उठा रहे हैं। इस खास दिन पर, हम उन सेनानियों के हिंदी अनमोल विचारों को याद करते हैं, जो हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना पूरा समर्थन देने के साथ-साथ हमें प्रेरित भी करते हैं।
1. भगत सिंह:
"सर्दार भगत सिंह", जो अपने युवावस्था में भारतीय स्वतंत्रता सेना के एक अहम सदस्य थे, ने अपनी शहादत से पहले कहा था -
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।"
2. चंद्रशेखर आज़ाद:
"दुनिया की सबसे बड़ी सीमा है, आत्मानुभूति की।"
3. सरोजिनी नायडू:
"खुले आसमान तले, खुले हृदय तले।"
4. शहीद भगत सिंह:
"जीवन में अगर कुछ करना हो, तो उससे पहले कुछ ना-कुछ कष्ट झेलना पड़ता है।"
5. राजगुरु:
"क्या गर्व से कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं।"
6. भगत सिंह:
"जब तक दिल झूमता है, गाना पड़ेगा।"
7. राजा राममोहन राय:
"कामयाबी वहाँ मिलती है जहाँ कठिनाईयों का सामना किया जाए।"
8. जवाहरलाल नेहरू:
"स्वतंत्रता एक अभियान है, और हम सभी उसमें समर्थन करने के लिए तैयार हैं।"
9. गांधी ji:
"स्वतंत्र देश वहाँ होता है, जहाँ नागरिक स्वयं अपनी रक्षा कर सकते हैं।"
10. नेताजी सुभाष चंद्र बोस:
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।"
11. आचार्य विनोबा भावे:
"सत्याग्रह से स्वतंत्रता की राह खुलती है।"
12. भगत सिंह:
"जिसके अंदर देशभक्ति होती है, वह समर्थ होता है अपने देश को आज़ाद करने में।"
13. लाला लाजपत राय:
"स्वतंत्रता के लिए लड़ाई आत्मबल से नहीं, समर्थ सामर्थ्य से जीती जाती है।"
14. भगत सिंह:
"क़िस्मत वाले ही खड होते हैं, बाक़ी सब तो नशे में ढले हुए होते हैं।"
15. महात्मा गांधी:
"वो हमसे ख़ास हैं, जो देश के लिए खुद को अलग कर देते हैं।"
ये थे कुछ भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के हिंदी अनमोल विचार जो हमें आज भी प्रेरित करते हैं। इन सीखों को याद रखकर हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर, हम सभी को यह समझना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने कितनी मेहनत और संघर्ष के बाद हमें आज़ादी दिलाई थी। हमें भी अपने देश के प्रति वफादार और समर्थ नागरिक बनने का संकल्प लेना चाहिए ताकि हम भारत माता की सेवा करते हुए समृद्धि और खुशहाली की ऊंचाइयों को छू सकें।